पुलिस वेरीफिकेशन का नियम वर्षों पहले आया, लेकिन मकान मालिक ही इसकी जरूरत नहीं समझ रहे हैं। किराएदार खुद अपना वेरीफिकेशन कराने तो जाएंगे नहीं। और, पुलिस अपनी जिम्मेदारी सीधे-सीधे मकान मालिक पर डाल दे रही है। जब भी क्राइम में किसी किराएदार या नौकर का नाम आता है तो पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं।
थाना प्रभारी ने कहा - मकान मालिक, होटल मालिक, पीजी मालिक या होस्टल मालिक किसी भी बाहरी व्यक्ति को जब भी किराये पर देते हैं तो उसकी पहचान व स्थाई पता फोटो सहित हमारे थाने में दर्ज करवाएं। बहुत कहने पर भी कोई नहीं सुनता। पीछे हमने एक दो बार सर्च अभियान चलाया था ,अब फिर हम कई ऐसे व्यक्तियों को पकड़ कर उनकी छानबीन भी कर रहे हैं।
थाना प्रभारी ने कहा - मकान मालिक, होटल मालिक, पीजी मालिक या होस्टल मालिक किसी भी बाहरी व्यक्ति को जब भी किराये पर देते हैं तो उसकी पहचान व स्थाई पता फोटो सहित हमारे थाने में दर्ज करवाएं। बहुत कहने पर भी कोई नहीं सुनता। पीछे हमने एक दो बार सर्च अभियान चलाया था ,अब फिर हम कई ऐसे व्यक्तियों को पकड़ कर उनकी छानबीन भी कर रहे हैं।
News Source: Dainik Bhaskar
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